Four New Labour Codes 2025 In India: 21 november भारत श्रम इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन बन गया है। केंद्र सरकार ने सबसे बड़ा श्रम सुधार यानी लेबर रिफॉर्म ( Labour reform )लागू कर दिया है। नए लेबर कोड 2025 (New Labour code 2025 ) भारत नया श्रम कानून (New Labour Laws ) को सरल और एकरूप बनाने के लिए बनाए गए चार महत्वपूर्ण कानूनों का समूह है। यह सुधार आज़ादी के बाद देश की श्रम व्यवस्था में सबसे बड़ा और व्यापक बदलाव माना जा रहा है। तो आइए जानते हैं New labour codes gratuity rule के बारे में।
Four New Labour Codes In India: भारत के 4 नया लेबर कोड
पहले जिन 29 अलग-अलग कानूनों के तहत मजदूरों, कर्मचारियों और उद्योगों को नियंत्रित किया जाता था, अब उनकी जगह ये चार कोड ले चुके हैं। इनका उद्देश्य है—बेहतर वेतन व्यवस्था, सरल नियम, सामाजिक सुरक्षा, सुरक्षित कार्यस्थल और उद्योगों को अधिक लचीलापन देना।सरकार ने 29 पुराने श्रम कानूनों को मिलाकर वेज कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड और ओक्युपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ कोड तैयार किया है। क्या असर पड़ेगा आपकी नौकरी सैलरी और भविष्य पर ? सबसे पहले बात करते हैं सरकार ने कानून को चार मुख्य कोड और इसका New labour Code implementation date.
“4 लेबर कोड क्या हे” (4 Labour code kya he) ?
भारत में लागू होने वाले Four Labour Codes ( चार लेबर कोड्स) देश की श्रम व्यवस्था को आधुनिक बनाने की बड़ी पहल माना जा रहा हे । पहले लागु होने वाला 29 पुराने कानूनों को मिलाकर 4 Labour Code India (char labour codes in india ) तैयार किए हैं, जिनमें Wage Code 2025 (वेज कोड 2025 ), Social Security Code, Industrial Relation Code (इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2025) और OSHWC Code India (ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन्स कोड ) शामिल हैं।
इनका उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर वेतन, सुरक्षा और स्पष्ट कार्य नियम देना है। New Labour Code latest update के अनुसार इन कोड लागू होने पर minimum wage new rules, PF लाभ और working hours में बदलाव आएंगे। यह new labour law in India मजदूरों और उद्योगों दोनों के लिए महत्वपूर्ण सुधार है। ये 4 नया लेबर कानून ( four New labour codes) लगाकर सरकार ने देश में मजदूरों, कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच अच्छे संबंध लाने की बिस्वास रख रही हे।
Benefits of new labour codes 2025 (क्या बेनीफिट्स मिलेगा नया लेबर कानून से)
नया लेबर कोड लागु होने से बहुत सरे changes देखने को मिलेगा। इसका सीधा असर भारत के लगभग ४० करोड़ कर्मचारी उपकृत होंगे। ४ लेबर कोड लागु होने से आने बाला कुछ प्रमुख बदलाब हे। नए कोड के कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार दैनिक काम करने की समय अबधि अब 8 से 12 घंटे तक हो सकते हैं लेकिन साप्ताहिक सीमा 48 घंटे ही रहेगा। और जो कर्मचारी ओवरटाइम के करेगी उसका भुगतान डबल रेट पर अनिवार्य होगा।
अभी से ज्वाइन करने बाला हर कर्मचारी को कंपनी के द्वारा Apointment लेटर देना अनिर्बाज्या हे। किसी भी कंपनी बिना जोइनिंग लेटर के बिना निजुक्ति नहीं दे सकता। सैलरी में basic pay में बढ़ाया जाएगा जिसके बजह से In hand salary में थोड़ी सी कम आएगा लेकिन PF और ग्रेच्युटी और अन्य फायदों जैसे EPF योगदान और रिटायरमेंट राशि बढ़ेगी। महिलाओं की सुरक्षा और समानता के आधार पर नया नियम के तहत :
महिलाएँ नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकती हैं
लेकिन कंपनी को सुरक्षा व्यवस्था अनिवार्य रूप से देनी होगी
समान काम के लिए समान वेतन की गारंटी है
इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड के तहत छंटनी और हड़ताल पर प्रभाव दिखेगा। नया नियम के तहत अगर एक कंपनी में 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियों को छंटनी या बंद करने के लिए सरकारी मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। लेकिन यूनियनों को डर है कि इससे नौकरियाँ अस्थिर हो जाएंगी। और एक बड़ी खबर हे की अगर किसी अधिकार मिलने के लिए कंपनी के खिलाप हड़ताल करना हे त हड़ताल से 14 दिन का नोटिस अनिवार्य है। इससे अचानक रुकावट और नुकसान कम होगा
सरकार का क्या राय हे:
सरकार का कहना है की इस सुधार के तहत रोजगार को आधुनिक बनाएगा,भारत को वैश्विक निवेश के लिए आकर्षक रहेगा। कर्मचारी को बेहतर सुरक्षा और वेतन संरचना मिलेगी। इसका असर आने वाले वर्षों में बड़े आर्थिक सुधार के रूप में दिखाई देगानए लेबर कोड भारत की श्रम प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने की लकया में भारत सरकार चिंता कर रहा हे । इससे कर्मचारी और उद्योग दोनों पर असर होगा—कुछ सकारात्मक, कुछ चुनौतीपूर्ण। यह सच है कि सामाजिक सुरक्षा, पारदर्शिता और वेतन सुधारों के कारण कर्मचारियों को काफी फायदा मिलेगा। वहीं, उद्योगों को भी लचीली श्रम नीति और सरल कॉम्प्लायंस का लाभ होगा।
लेकिन नौकरी की सुरक्षा, लंबे काम के घंटे और भविष्य में इन नियमों के लागू होने की गुणवत्ता एक बड़ा सवाल है। आने वाले महीनों में पता चलेगा कि यह सुधार भारत के श्रम बाजार को कितना आधुनिक और सुरक्षित बनाता है।
